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विराली मोदी का जन्म 29 सिंतबर 1991 में हुआ था | जिन्होंने विकलांग के अधिकार के बहोत कुछ किया और मोटिवेशन स्पीकर भी है | उन्होने ने अपना बचपन का समय अमेरिका बिताया था | उसके बाद एक महीने के लिये भारत आयी पर जब वापस गयी तब तेज दुखार आने लगा जिसके लक्षण मलेरिया के जैसे थे | जब उनके तबीबी टेस्ट करवाये लेकिन सब टेस्ट नॉर्मल आये | माता-पिता ने डॉक्टर से कहा की आप विराली को मलेरिया की दवा दीजिए पर डॉक्टर ने मना कर दिया | विराली मोदी को घर ले जाने के बाद जब दूसरे दिन सुबह उठी तब अपनी मा को भी भूल गयी थी ऐसी बुरी हालत हो गयी थी |
जब फिर डॉक्टर ने टेस्ट कर रहे थे तब डॉक्टर उनको सात मिनिट तक मरा हुआ घोषित किया| जब होश में आने के बाद नोर्मल हुई तब उसके बाद कोमा में चली गयी ऐसा दो -तीन बार हुआ| थोड़े समय के बाद ठीक तो हो गयी पर गले के निचे का हिस्सा काम करने बंध हो गया |उनका अच्छा इलाज करने बाद हालत में सुधार आया लेकिन पैर अब भी काम नहीं कर थे | माता-पिता साथ देते थे पर उनके परिवार के अन्य सदस्य को वो बोज लगती थी | उसके बाद भी खुद को टूट नहीं दिया और विकलांग लोग के लिये रेलवे मुसाफरी और होटल में दिकत ना आये उसके लिये बहोत कुछ किया जिसके लिये वुमन अचीवमेंट अवॉर्ड और भारत प्रेरणा अवॉर्ड से सन्मानित किया गया |
विराली मोदी आज एक अच्छी मोटिवेशन स्पीकर है जो दुसरो को प्रेरणा देती है और कई टॉक शो में इंटरव्यू भी दिये है | उन्होंने साबित किया है की इंसान चाहें तो कोई भी बुरी हालत में सफलता के शिखर तक पहुँच सकता है|
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