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गुरुवार, 5 नवंबर 2020

Black hole theory | ब्लैक होल थियरी

         
Black hole theory
Source - Google | Image by -Leah Crane

                Black hole theory  जिसके  बारे  में  अभी  तक' कई  बाते  की  गई  है  जिसमे  सिर्फ  अनुमान  ही  किये  गये  है  की  ब्लैक होल  कैसा  होगा  ?   ब्लैक होल  एक  ऐसा  छिद्र  है  जिसके गुरुत्वाकर्षण  बल  इतना  प्रबल  होता  है  की  जिससे  प्रकाश  के  फोटान  कण  भी  बच  नहीं  पाते |   बह्मांड  में  सभी  पदार्थ  है  उनका  गुरत्वाकर्षण  बल  समान  होता  है  लेकिन  जिस  पदार्थ  की  द्रव्यता  ज्यादा  होती  और  जिसके  सामने  कम  द्रव्यता  वाला  पदार्थ  होता  है  वो  उसकी  तरफ  खींचता  जाता  होता  है | 
                 पृथ्वी  के  गुरुत्वाकर्षण  के  कारण  कोई  चीज  ऊपर  की  तरफ  फेंकी  जाय  तो  वो  फिर  से  नीचे  की  तरफ  गिरती  है|  जो  कोई  भी  पदार्थ  को  पृथ्वी  से  बहार  भेजना  हो  तो  उसे   एक  मिनिट  में  11  की.मी  की  गति  से  बहार  निकलना  होगा |  उससे  पता  चलता  की  पृथ्वी  के  गुरत्वाकर्षण  से  बहार  निकलना  कितना  मुश्किल  है |  मानव  के  बनाये  गये  सभी  यंत्र  में  सिर्फ  रोकेट  ही  इतनी  गति  उड़  सकता  है  तो  उससे  ब्लैक होल  का  गुरुत्वाकर्षण  कितना  होता  है   वो  समजा  जा  सकता  है |  प्रकाश  भी  उससे  बहार  नहीं  निकल  पाता  है  जिसकी  वजह  से  दिखायी  देता  नहीं  है   उसी  वजह  से  ब्लैक  होल  कहा  जाता  है| 


ब्लैक होल  की  उत्पति :-
              
         ब्लैक  होल  का  सर्जन  तब  होता  है   जब  कोई  तारा  मृत  होता  है   तब  तारे  में   हाइड्रोजन  का  प्रमाण  कम  हो  जाता  है   और  उस  वक्त  जो  हाइड्रोजन  में  से  हीलियम  में  रूपांतर  से  जो  ऊर्जा  और  प्रकाश  पैदा  होती  है  उस  प्रकिया  का  रुक  जाती  है  और  तारे  में  विस्फोट  होता  है   फिर  जो  केंद्र  की  तरफ  जो  भारी  अवशेष  होता  है   वो  तीव्र  गुरुत्वाकर्षण  पैदा  करता  है  जिससे  मृत  तारे  का  संकोचन  होता  है  जिससे  सूर्य  से  कई  बड़ा  तारा   सिर्फ  कुछ  कि.मी  व्यास  वाला  हो  जाता  है   जिसे  ब्लैक  होल  कहा  जाता  है | 

ब्लैक होल  के  प्रकार | Type of black hole :-
         
(1)  Stellar mass  black  hole :-

        इस  ब्लैक होल  की  द्रव्यता  सूर्य  से  ज्यादा  होती  है   जिसकी  उत्पति  तारा  संकोचन  से  होती  है | 

(2)  Supermassive black hole :-

       इस  ब्लैक  होल  की  द्रव्यता  सबसे  ज्यादा  होती  है  |  जिसे  सूर्य  से  तुलना  की  जाय  तो  1  करोड़  ज्यादा  होती  है |  ऐसे  शक्तिशाली  ब्लैक होल  आकाशगंगा  के  केन्द  होता  है | 

(3)  Primordial  black hole :-

       इस  ब्लैक होल  का  निर्माण  जब  ब्रह्मांड  का  सर्जन  जो  विस्फोट  से  हुआ  होगा  वैसा  माना  जाता  है   वो  सबसे  छोटे  होते  है | 


ब्लैक  होल  और  समय | Black hole and Time :- 

    आइस्टाइन  थियरी  के  अनुसार  ब्रह्मांड  के  सभी  जगह  समय  एक  जैसा  नहीं  होता  है   गुरुत्वाकर्षण  की  वजह  से  समय  गति  कम  होती  है |  जब  पृथ्वी  के  बहार  सेटेलाइट  में  जब  कोई  अवकाश  यात्री   6  महीने जे  ज्यादा  रहेता  है  तब  वो  ०००००.5  सेकंड  समय  धीमा  होता  है  वैसा  ही  ब्लैक होल  की  साथ  हो  सकता  है  अगर  हम  कोई  आधुनिक  यान  का  निर्माण  करे  और  वो  ब्लैक  होल  के  आसपास  6  साल  तक  प्रदक्षिणा करे  तो  समय  इतना  धीमा  होगा  की  पृथ्वी  के  24  साल  हो  जायेगे |  इस  से  समय  में  आगे  जा  सकता  है  पर  हकीकत  में  ऐसा  करना  मुश्किल  है | 
  

       
     

  

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