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जीवन को दुनिया में सबसे मूल्यवान माना जाता है हम सभी चीज को वापस पा सकते है | लेकिन जीवन एक बार चला जाता है फिर वापस नहीं आता है | ये बात सबको पता होती है उसके बाद भी दुनिया में कई इंसान suicide करते है और अपना जीवन खत्म कर देते है | जब हमको किसी आत्महत्या का पता चलता है तब सभी ये बोलते है की कैसे पागल होंगे जो आत्महत्या कर दी लेकिन ये नहीं समजते की आत्महत्या क्यू की होगी | हम से कुछ मानते है की कोई चिंता के वजह से आत्महत्या करते होंगे लेकिन ये बात इतनी सामान्य नहीं है | आत्महत्या करने पीछे दिमाग की एक कमी काम करती है जब मानव नकारात्मक सोचता है तब दूसरे कई नकारात्मक विचार आते है | एक चक्र बन जाता है | उसमे मानव खुद को खो देता है |
उसके बाद अंत सोच उतनी बुरी हो जाती है की मर ने का निर्णय कर लेता है | इसके वजह से ही आत्महत्या (suicide) होती है | जब कोई भी परेशानी आती तब इंसान को नकारात्मक सोचने से रोका जाये या फिर नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच बदलने की कोशिश करे तो आत्महत्या के घटना बनती उसे कम किया जा सकता है | एक सामान्य इंसान भी एक सप्ताह तक सिर्फ नकारात्मक सोचे तो उसे भी मरने का विचार आयेगा | हम सभी को जब कोई इंसान मिलता जो कोई परेशानी की वजह से गलत सोचता है तो हम उसे कहते की वो गलत कर रहा है लेकिन इसके जगह हम वो अच्छा सोचे वैसा करना चाहिये क्युकी हमारी सब क्रिया हमारे सोच से शुरु होती है हमारी सोच से ख़त्म होती है |
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